52. “सत्य”

“सत्य”  की अभिव्यक्ति के लिये  ” असत्य” के पास कोई जबान नही होती , क्योंकि उसके लिए करूणावान हृदय और प्रज्ञावान दृष्टि होनी चाहिये , जो असत्य के पास नही होता  । इसलिए ही “असत्य की जबान “ हमेशा लडखडा जाती है । कभी वह गीडगीडाता है तो कभी गुर्राता है । “सत्य” नग्न है … Read more