68. आज ” हस्तिनापुर ” पुन: मौन है ।

हम जैसे आम लोगों की जिन्दगी कभी सुर्क्षित नही होती । हम अपनी छोटी छोटी खुशियों में मस्त और व्यस्त रहते हैं । एक दिन अचानक कोई हादसा हमें विवश , लाचार और अनाथ बना कर निकल जाता है । हमें तो  यह भी पता नहीं होता कि आखिर में हमारा गुनाह क्या था ? … Read more