18. तू और तेरी जुस्तजू
तुने कभी अपने दिल पर हाथ रख कर खुद से सवाल किया है ? बता “जिंदगी ” तुझे जाना कहा है ? तेरी मंजिल क्या है ? नही पूछा है तो एक बार पुछ “जिंदगी ” इज़हार करती है —- अपनी ख्वाहिश े , अपने सपने ,अपने इरादे । मुश्किल े यही से शुरू होती हैं ,क्योंकि … Read more