59. बदलाव की बयार
जीवन में जो कुछ भी शुभ और मंगल है , उसके किरदार हम खुद होते हैं , और जो कुछ भी अशुभ और अमंगल घटता है उसके लिये भी हम स्वयं कसुरवार और गुनाहगार होते हैं , क्योंकि परमात्मा कभी किसी का अहित नही सोचता । हमे ं अपने गलतियों से सबक लेनी होती है … Read more