69. तू “अपूर्ण ” नही है ।

“परमात्मा”  स्वयं में पूर्ण है ।  वह इन्सान को कभी “अपूर्ण”  बना ही नहीं सकते । इसलिए  तू कही से अपूर्ण नहीं है ।  उसने तुझे “पूर्ण”  बनाकर ही  इस धरा पर भेजा है ।  अब तुम्हे ं अपने जज्बे , जुनून और  जोश से अपनी मंज़िल तक का सफर  स्वयं तय करना होगा ।  इस … Read more