9. “कर्ता केवल एक है “

 तू अपने  को कुछ होने का ,   या    कुछ हासिल कर लेने का गुरूर   मत पाल लेना ,क्योंकि इस ब्राह्मण्ड़   में  “कर्ता” (Doer)    केवल एक है । उसी के बदौलत पूरी क़ायनात रौशन है । सूर्य ,चाँद और तारे उसी के नूर से प्रकाशमान हैं । शबनम की हर बूँद … Read more