2. भक्ति 16 July 2024 by KUMAR AJAY “भक्ति “ कोई पुजा का विधान नही और न ही कोई कर्मकांड है । यह तो एक आन्तरिक प्रकिया है , जो निरन्तर चलती रहनी चाहिए । ज्ञानी जहाँ अपनी ज्ञान की तलवार … Read more