“जिन्दगी के पैबन्द “
“जिन्दगी “ में न अब मुहब्बत है और न ही इश्क़ , न इजहार है न इन्कार । दूर दूर तक फैला केवल हवस का रेगिस्तान है । रिश्ते अब जिन्दगी के पैबन्द बन गये हैं और बच्चे आँगन के फूल नही ं राशन कार्ड पर दर्ज … Read more
Kumar Ajay- An Inspiring Writing
जुनून और जुस्तजू
“जिन्दगी “ में न अब मुहब्बत है और न ही इश्क़ , न इजहार है न इन्कार । दूर दूर तक फैला केवल हवस का रेगिस्तान है । रिश्ते अब जिन्दगी के पैबन्द बन गये हैं और बच्चे आँगन के फूल नही ं राशन कार्ड पर दर्ज … Read more