75. “मोबाईल” एक अज़ीज दोस्त या बे -रहम दुश्मन
मेरे लिए यह कहना जरा मुश्किल है कि “मोबाईल” मेरा अज़ीज दोस्त है या बे – रहम दुश्मन ? पर इतना तय है कि इसके बिना जिन्दगी अधूरी है । वह उस मेहबूब की तरह है जो आपसे , आपके बिस्तर से लेकर सिने तक चिपकी रहती है । वह है तो ही आप हैं … Read more