A. “जिंदगी के नाम”

1.  ‘जिंदगी और मुस्कान’

जिंदगी को एक मुस्कान और दिल को जोश ऐ जुनून से जोड़कर तो देख,
 फिर जिंदगी चलती नहीं, इठलाती है।
दुनिया को जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती,
खुद ब खुद जुड़ती चली जाती है। 

 इस तनाव से भरी दुनिया में 
सभी को एक प्यार भरी “झप्पी” और
चमकती आंखों की एक सरल मुस्कान की जरूरत है।
एक बार हाथ बढ़ा कर तो देख।

हाथों को काम,
इच्छाओं पर लगाम और
अवसर को अंजाम तक पहुंचा,
फिर देख
जिंदगी में गम के बादल नहीं,
आकाश ख्वाबों के इंद्रधनुष से भर जाएंगे।

मन की बागडोर
जब तक
तेरी इच्छाओं के हाथ में होगी,
तब तक तू
सुख और और शांति से दूर होगा।
मन को विवेक के साथ जोड़ 
फिर देख जिंदगी की तस्वीर
और तेरी तकदीर कैसे बदल जाती है?

जीभ और जबान को 
संभाल कर रख,  अन्यथा
जीवन की गाड़ी को ये
कभी भी पटरी से उतार देंगे।

इस शरीर को
जिम कि नहीं
श्रम की जरूरत है‌।
बेरोजगार को आय कि,
आय को बचत की ,
बचत को निवेश और
निवेश को कंपाउंड की जरूरत है.
फिर देख
जिंदगी कैसे खिलखिला उठती है।

जिंदगी
को क्रेडिट कार्ड पर नहीं,
डेबिट कार्ड पर मस्त रहने की आदत डाल,
जिंदगी में 
कभी हेट के लिए कोई स्पेश मत रख,
इश्क जिंदगी को रंगों से भर देती है।

जिंदगी में
गति और रफ्तार से ज्यादा,
सही दिशा की तलाश कर,
फिर देख
सफलता की रोशनी से
जिंदगी कैसे जगमगा उठती है।

अपनी सुबह की प्रार्थना को
मांग पत्र से लिंक मत कर, बल्कि
परमात्मा को अहो भाग्य से धन्यवाद दे,
की हे प्रभु ,
आपने तो इतना दिया है , जितनी मेरी पात्रता नहीं थी,
भाव  कृतज्ञता का हो ,
भिखारी का नहीं ।
उसके दरबार में
भिखारी के लिए कोई जगह नहीं होती ।

घर को घर
बना रहने दो
ताकि उसमें पुस्तकों के लिए जगह बची रहे,
अन्यथा
टीवी और सोफा उन्हें बेदखल कर देंगे।

सबसे पहले
अपने को अपनी कंफर्ट जोन से बेदखल कर,
खुले आसमान में पंख फैला कर
उड़ान भरने की एक ईमानदार कोशिश तो कर। 
समय और श्रम को
अवसर के साथ जोड़कर अपने को काबिल तो बना,
फिर देख चमत्कार,
लड़कियां सपने में नहीं
लड़कियों के सपनों में तू होगा।

जीवन में
समझौता नहीं संघर्ष और साहस को शामिल कर,
जो जीवन को जीवंत और मूल्यवान बनाते हैं।
“समझौता”
सुविधा और साधन से जिंदगी को डेकोरेट तो कर देती है,
परंतु
गरिमा और गुरुर जीवन से विदा हो जाते हैं।

पराजय से क्या डरना,
एक जिद भारी कोशिश
पराजय के अंधेरे में भी
जुगनू की तरह चमकते हैं।

अपने लक्ष्य को उम्मीद से ज्यादा, उत्साह से जोड़
और उत्साह को सफलता की जिद से। 
अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर,
परंतु उसके पहले
अपने दायित्व की जवाब देही तय कर।
एक दिन असंख्य हाथ तुम्हारी दुआओं में उठएंगे।

राजपथ पर
पहुंचने के लिए
यात्रा की शुरुआत पगडंडियों से करनी होती है।
ख्वाहिश यदि राजतिलक की है तो 
बनवास के लिए तैयार रहना होगा।

किसी भी हाल में
सपनों को मरने मत देन।
उसके लिए हर जोखिम उठा पागलपन के हद तक
क्योंकि जिंदगी में कभी प्लान B 
नहीं होता।

सपनों की उड़ान के लिए
अपने पंख पर भरोसा रख।
एक सफल नाविक की तरह
नजर हवा के रुख पर भी रख
परंतु
भरोसा और विश्वास अपने पतवार पर रख ।
फिर देख
दुनिया तेरी मुट्ठी में नहीं
 तेरे कदमों में होगी।

बहुत हुआ
कुछ अलग सोच,
 मन की बात नहीं ,दिल की बात कर।
भीड़ में नहीं अपने को जुलूस में शामिल कर ,
संसद को छोड़
देश की आवाज बन,
मुल्क को तेरे नेतृत्व की तलाश है ।














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