जीवन में
अपनों को खो देने का गम
उतना नही होता , जितना उस हादसे से
सपनो के बिखर जाने का होता है ।
सपने जिंदगी के प्रेरणा रहे हैं ,
जो जिंदगी को उल़्लास और आवेग से
भर देते है ं। जीवन जोश से भर उठता है ।
सपने कभी बेवफा नही होते ,
हम खुद सपनों से और जिंदगी से
वफा नही कर पाते ,
दोहमत और बदनामी नियति को होना पडता है ।
वास्तव में
सपनों का वजूद उसके मक़सद से जुडा होता है ।
उन सपनों का कोई वजूद नही होता ,
जिनका कोई मक़सद नही होता ।
जिन्दगी ने
हमेशा हसरतों को हौसले का पैगाम दिया है ,
फरियाद की नही ,
‘फरियादी ‘ दूसरों के रहमो करम पर
अपनी जिंदगी बसर करते है ं,जहां
सपनों का कोई मोल नही होता ।
ये कुदरत का निजाम है या
फिर उसका करिश्मा ,
कहना जरा मुशकिल है ।
पर इतना कहना वाजिब हैं कि
यदि तुने जिंदगी को तरासने की ईमानदार
कोशिक की है तो तेरा वाकार और तेरी सलामती
पर परमात्मा कभी आँच आने नहीं देगा ।
अब ज्यादा मत सोच
तेरी मंजिल को तेरे पहले कदम का इन्तज़ार है ।