तू निर्भय और निर्भिक बन,
तेरे पराक्रम की गाथा
एक दिन दुनिया याद करेगी।
बात जंग की नहीं,
शौर्य और ज्ञान की हैं ।
यहाँ कायरो के लिए
कोई जगह नहीं होती ।
यह धरती वीरो की है,
यहाँ जिंदा कौ़म ही
जीत का परचम लहराती हैं ।
बात हार जीत की नहीं,
बाजी हारकर,
फिर से खडा़ होने की हौसले की है ।
तुम्हारी हार भी जीत का एक प्रयास था।
आज की जीत भी तुम्हारे एक सार्थक प्रयास का परिणाम है ।
जीत की कोशिश और जुनून का नाम ही तो जिंदगी है ।
जिंदगी में जय पराजय ,सुख दुख , गिले शिकवे
बने रहेंगे
तू रुकना मत ,
तुम्हारी भूमिका” पात्र “बनने की नही ,
‘प्रतीक ‘ बनने की है ।
जीवन है तो भटकाव के अवसर आएगे ,
कहीं दोस्त और यार की यारी होगी ,तो कही
प्यार के मिठे बोल होगे ,
कही ं दुख और मोह के आँसू होगे ।
अक्सर शोहरत भी गले में हार डाल कर ,
उलछाने की कोशिश करती है ।
पर तुम्हे अपने प्रति निर्मम बनना होगा ।
“सिप” में पल रहे “मोति ” के लिए
सिप को कठोर होना होता है ।
तू न कोई फरिश्ता है ,न ही तेरा
कोई यहाँ “God Father” है ।
तू अपने पथ का अकेला राही है ।
तुझे खुद अपना “मशाल वाहक” Torch bearer” बनना होगा ।
तेरी जीवन यात्रा मुशकिल भरी होगी , पर
मंजिल तुझे मुस्कानो से भर देगी।