P K : प्रशांन्त किशोर ( part : ll )

P K के पक्ष में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी उम्र  फिलहाल 47 वर्ष  है ,जो की भारतीय राजनीति के हिसाब से उनके पास बहुत वक्त है ओर अनेक अवसर भी रहेगें । फंड की उनके पास कोई कमी नही है । इस लडा़ई में उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए सियासत की बहुत बडी़ दुनिया है ।इसलिए वो कोई भी जोख़िम उठाने में सक्षम हैं । वे ” self made” व्यक्ति है ,उनका कोई ” Political God Father ” नही है,और न ही  वे किसी राजनीतिक घराने से आते हैं ।

     वे आधुनिक चुनाव प्रणाली को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं ,उसके हर पहलू से वाकिफ हैं ।वे बिहार के 38 जिलों ,243 विधानसभा और 45103 गांवों के एक एक बूथ पर उनकी पैनी नज़र होगी ।चुनाव के पूर्व भी वे बता सकते हैं कि किस गाँव के किस बूथ पर  “जन सुराज ” की क्या स्थिती है वे कहाँ मजबूत है ं और कहाँ उनकी स्थिती अच्छी नही है ।
    

वे कई चुनाव जीता कर अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं ।इस बार स्वंय  चुनाव के रिंग में हैं ,अब यह देखना ‌दिलचस्प होगा कि चुनाव लड़ना आसान है या चुनाव लड़ाना ?

कुछ लोगों को यह कहते सुना गया है कि P K बहुत अच्छा वक्ता नही है ं ।तो मै यह बता दू कि वे फेकू किस्म के व्यक्ति नहीं हैं , उनके परिणाम ही उनके गवाह हैं कि वे पर्दे के पिछे कितना शानदार‌ काम करते हैं । बहुत ही डिटेल्स में सारी चीजों को  समझते हैं और उसे सुलझाते भी  हैं । बारिक से बारिक तथ्यों पर उनकी पैनी नज़र होती है । वे आरामजीवी नही वे श्रमजीवी हैं ।उनका कोई भी काम ” शार्ट कार्ट फार्म ” में नही होता हैं । वे मेराथन  स्टेमिना के धावक हैं ,जब तक मंजिल नही मिल जाती हैं तब तक थकना और हारना नहीं जानते ।

वो अपने काम को इबादत का दर्जा देते हैं । कोई भी काम बहुत सोच समझ कर हाथ में लेते हैं ,फिर रात दिन एक कर देते हैं ।

वे इस वसूल पर काम करते हैं कि जिस भी समुदाय या कौम को अपना नेतृत्व आप देना चाहते हैं पहले उसके पिछे चलने का हौसला रखिए । जो ढाई साल से बिहार के गाँव गाँव घूम रहे हैं ,लोगों से मिल रहे हैं ,उनकी जमीनी हकिकत से वाकिफ होना चाहते हैं ,इसी वसूल और सिद्धान्त का परिणाम है ।

वे अक्सर अपने राजनीतिक परिणामो ं से हमें चौका देते  हैं ।बंगाल के विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के पूर्व ही P K ने यह  घोषणा कर दिया था कि BJP कभी भी तीन का आकडा़ नहीं छू पाएगी और वही हुआ ।उसकी धमक आज भी BJP के खेमों में सिहरन पैदा कर देती है ।

 “जन सुराज ” और P K  की यह कह कर आलोचना की जाती है कि वे अरविंद केजरीवाल के बिहारी  संस्करण हैं ,उन पर कई मिडीया हाउसेज मेहरबान हैं  ,कारपोरेट घरानो से उनके अच्छे रिश्ते हैं , BJP के “Think  tank” के वे Good book में है ं ।

आलोचक कहते सुने गये हैं कि जब दिल्ली में शीला दीक्षित को हराना BJP के लिए मुश्किल हो गया तो उनका पुरा Think tank अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा हो गया था ,वही हो रहा है बिहार में । RJD को हराना उनके लिए ,वह भी अकेले असम्भव लग रहा है तो PK को  “Front man” बनाया जा रहा है । P K यदि 40 से 50 सिट जीत जाते हैं तो वे BJP के साथ सरकार बना सकते हैंl मै यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि भले ही P Kका 2025 का चुनाव Final न  भी हो परन्तु यह semi final अवश्य साबित होगा । वे सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं ,उन्हें आप हल्के में नही ले सकते ।

विपक्षी पार्टी कहती हैं कि बिहार में ” तिसरे मोर्चे ” का कोई राजनीतिक भविष्य नही है ,वे “जन सुराज” को लेकर अभी से ही परेशान है ं । उनको पता है कि P K की लडा़ई RJD से है । PK भी जान बूझ कर अपना “goal  post” change  करते रहते हैं और कहते हैं कि हमारी लडा़ई तो NDA से है ।

अब जरा सियासत से इतर P K के नीजि जिन्दगी और शानदार व्यतित्व की बात की जाय । P K एक निहायत शालीन व्यतित्व के मालिक है ं ।आप उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकते । कुछ मीडीया के लोग उन्हें “आ टी यन ” समझते हैं ‌,पर वे IIT से नही है ं ,उनहोने ” Hospital Management ” से MBA करने के बाद UNICEF के  public  health programme से जुड़ गए। कुछ दिन भारत में सेवा देने के बाद अमेरिका और कई देशों में अपनी सेवाए देते रहे ,इसके बाद गुजरात सरकार के ” child malnutrition” बाल कुपोषण प्रोग्राम से जु़ड़ते हैं ,फिर प्रधानमंत्री मोदी जी के सम्पर्क में आते हैं और उसके बाद की कहानी जग जाहिर है ।

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