63. “समय” और उसका अस्तित्व

 “भविष्य”

 सर्वथा धुंध और अनिश्चय से

 घिरा  होता है ,

 क्योंकि “भविष्य ” का कोई अस्तित्व नही होता ,

 इसलिए ही वह हमारे सपनो से जुडा़ होता है ।

“भविष्य” की पटकथा सदा ही

“वर्तमान” लिखता है , यही कारण है कि

“वर्तमान” ही कल का भविष्य होगा ‌,

और बिता हुआ “वर्तमान” एक “अतित”

की त‌रह याद किया जाता है ।

इसलिए “अतित ‌” हमारे  दु:खो से

जुडा़ हुआ होता है ।

  ” समय”

का अस्तित्व और उसकी सत्ता केवल “वर्तमान” में है ,

जो हमारे मुट्ठी  से हर पल सरक रहा होता है ।

एक बात ध्यान रखना ,

“समय” का मालिक और मुख्तार

” वर्तमान” होता है ,

“अतीत’ और “भविष्य ”  की कोई हैसियत नही होती ।

 जीवन म े केवल “वर्तमान “को साध लो ,

जिन्दगी सवँर जाएगी ।

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