जीवन मेंयदि शान्ति और सुकून चाहिए ,
तो तुझे इच्छाओ ं के जंगल से
बाहर निकलना होगा ।पैसा हो या न हो ,ये मन में खर पतवार की तरह
कहीं भी,
कभी भी ,
पनपने और मचलने लगते हैं ।
“इच्छा ” यदि ” जरुरत” है तो स्वागत होना चाहिए ,
यदि वह”ख्वाइश ” है तो सावधान !
क्योंकि “इच्छाओं ” का तुफान
हमेशा जीवन में अशान्ति का पैगाम लाते हैं ।