कहीं हम
“बडे़ ” बनने की कोशिश में
“छोटे ” तो नही होते जा रहे हैं ?
आज के दौर में
सबसे मुशिकल और चुनौतिपूण काम है ,
” एक नेक और ईमानदार इसांन बने रहना “
आज ” बड़ा” बनना आसान है ,
पर सहज और सरल बने रहना
बहुत मुशिकल है ।
छल कपट से दूर ,दिखावा और प्रदर्शन
से मुक्त ,
एक इसांन बनना आज इतना
मुशिकल क्यों हो गया है ?