19. केवल नेक इरादे से कुछ हासिल नही होता

यदि आप

अच्छे परिणाम के हकदार

होना चाहते हैं , तो   “EFFORT ” लगाने होगे ।

कोशिश करनी होगी ।

दरवाजा यदि  बन्द है तो , “KNOCK ” करनी होगी ।

 अन्यथा,  केवल नेक इरादे से कुछ हासिल नही होता।

नेक इरादे के साथ कठोर अनुशासन और अटूट लगन

का होना आवश्यक  होता है ।

जिंदगी का यही पैगाम  है कि

यहाँ पैबन्द से जिंदगी सवरती नही बल्कि

बदरंग और बदरुप हो जाती है ।

आधे  अधूरे  मन से किया गया कोई भी प्रयास

परिणामोन्मुख  नही होते ।

“परिणाम ” हमेशा जिंदगी  से  पूर्ण समर्पण

की अपेक्षा रखता है ।

एक छोटी सी चुक भी मंजिल से हमे

विमुख कर देती है ।

जीवन में विमर्श हो ,परन्तु  निष्कर्ष

और परिणाम के साथ हो ,

जिंदगी में गति और प्रगति  भी हो ,

नही तो यथास्थिति  में ,

एकरसता के कारण जिंदगी मुरझा 

सी जाती है ।

चपलता और निर्भिकता  जिंदगी को   उत्साह  और

उल्लास से रंग देती है ।

 “चिन्ता “

परिणाम की नही ,

अपने प्रयास और प्रयत्न में कोई कमी

न रह जाय ,इसकी होनी चाहिये ।

सही दिशा में किया प्रयास और परिश्रम 

हमेशा फलदायी होता है ।

“सफलता”

अपने साथ जीवन में यदि 

गुरुर और घमंड लाती है , तो वह

असफलता से भी बुरी खबर होगी ।

सफलता में नम्रता की मीठास होनी चाहीए ,

“अभिमान ” का कडुवाहट नही ।

जिसने भी “सफलता “के बाद झूकने की कला

सिख ली ,वही जिंदगी का कलाकार होता है ।

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