यदि आप
अच्छे परिणाम के हकदार
होना चाहते हैं , तो “EFFORT ” लगाने होगे ।
कोशिश करनी होगी ।
दरवाजा यदि बन्द है तो , “KNOCK ” करनी होगी ।
अन्यथा, केवल नेक इरादे से कुछ हासिल नही होता।
नेक इरादे के साथ कठोर अनुशासन और अटूट लगन
का होना आवश्यक होता है ।
जिंदगी का यही पैगाम है कि
यहाँ पैबन्द से जिंदगी सवरती नही बल्कि
बदरंग और बदरुप हो जाती है ।
आधे अधूरे मन से किया गया कोई भी प्रयास
परिणामोन्मुख नही होते ।
“परिणाम ” हमेशा जिंदगी से पूर्ण समर्पण
की अपेक्षा रखता है ।
एक छोटी सी चुक भी मंजिल से हमे
विमुख कर देती है ।
जीवन में विमर्श हो ,परन्तु निष्कर्ष
और परिणाम के साथ हो ,
जिंदगी में गति और प्रगति भी हो ,
नही तो यथास्थिति में ,
एकरसता के कारण जिंदगी मुरझा
सी जाती है ।
चपलता और निर्भिकता जिंदगी को उत्साह और
उल्लास से रंग देती है ।
“चिन्ता “
परिणाम की नही ,
अपने प्रयास और प्रयत्न में कोई कमी
न रह जाय ,इसकी होनी चाहिये ।
सही दिशा में किया प्रयास और परिश्रम
हमेशा फलदायी होता है ।
“सफलता”
अपने साथ जीवन में यदि
गुरुर और घमंड लाती है , तो वह
असफलता से भी बुरी खबर होगी ।
सफलता में नम्रता की मीठास होनी चाहीए ,
“अभिमान ” का कडुवाहट नही ।
जिसने भी “सफलता “के बाद झूकने की कला
सिख ली ,वही जिंदगी का कलाकार होता है ।