मुक्ति की चाह
क्या होती है ?
यदि यह जानना हो तो
फंदे में फसे उस परिन्दे की
तड़प और फडफडाहट से जाना जा
सकता है ।आजादी क्या होती है ?
मनुष्य की “आजादी” से बड़ी कोई ख्वाहिश नही हो सकती ।
आज वह जो कुछ भी बन पाया है ,
और जो भी मुकाम हासिल किया है,
“आजादी “की वजह से ही वो मिल पाया है ।
यह “आजादी” ही उसके अस्तित्व की सत्ता
को आज गौरवान्वित करती है ।
अन्यथा, सब कुछ धुआ धुआ हो सकता था ।