ये संसार है भैया !
और ये संसार अब
एक बाजार है ।
यहाँ कुछ भी खैरात में
नहीं मिलता ।
जब भी कुछ खरिदना होता है ,
किस्तों में खुद को बेचना पड़ता है ।
Kumar Ajay- An Inspiring Writing
जुनून और जुस्तजू
ये संसार है भैया !
और ये संसार अब
एक बाजार है ।
यहाँ कुछ भी खैरात में
नहीं मिलता ।
जब भी कुछ खरिदना होता है ,
किस्तों में खुद को बेचना पड़ता है ।