“भविष्य”
सर्वथा धुंध और अनिश्चय से
घिरा होता है ,
क्योंकि “भविष्य ” का कोई अस्तित्व नही होता ,
इसलिए ही वह हमारे सपनो से जुडा़ होता है ।
“भविष्य” की पटकथा सदा ही
“वर्तमान” लिखता है , यही कारण है कि
“वर्तमान” ही कल का भविष्य होगा ,
और बिता हुआ “वर्तमान” एक “अतित”
की तरह याद किया जाता है ।
इसलिए “अतित ” हमारे दु:खो से
जुडा़ हुआ होता है ।
” समय”
का अस्तित्व और उसकी सत्ता केवल “वर्तमान” में है ,
जो हमारे मुट्ठी से हर पल सरक रहा होता है ।
एक बात ध्यान रखना ,
“समय” का मालिक और मुख्तार
” वर्तमान” होता है ,
“अतीत’ और “भविष्य ” की कोई हैसियत नही होती ।
जीवन म े केवल “वर्तमान “को साध लो ,
जिन्दगी सवँर जाएगी ।