62. इच्छाओं का जंगल

जीवन मेंयदि शान्ति और सुकून चाहिए ,

तो तुझे इच्छाओ ं के जंगल से

बाहर निकलना होगा ।पैसा हो या न हो ,ये मन में खर पतवार की तरह

कहीं भी,

कभी भी , 

पनपने और मचलने लगते हैं ।

“इच्छा ” यदि ” जरुरत” है तो स्वागत होना चाहिए ,

यदि वह”ख्वाइश ” है तो सावधान !

क्योंकि “इच्छाओं ” का तुफान

हमेशा जीवन में अशान्ति का पैगाम लाते हैं । 

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