5. तू अजेय है ।

तू निर्भय और निर्भिक बन,

तेरे पराक्रम की गाथा

एक दिन दुनिया याद करेगी।

बात जंग की नहीं, 

शौर्य और ज्ञान की हैं ।

यहाँ कायरो के लिए

कोई जगह नहीं होती ।

यह धरती वीरो की है, 

यहाँ जिंदा कौ़म ही

जीत का परचम लहराती हैं ।

बात हार जीत की नहीं,

बाजी हारकर, 

फिर से खडा़  होने की हौसले की है ।

तुम्हारी हार भी जीत का एक प्रयास था।

आज की जीत भी तुम्हारे एक सार्थक प्रयास का परिणाम है ।

जीत की कोशिश और जुनून का नाम ही तो जिंदगी है ।

जिंदगी में  जय पराजय ,सुख  दुख , गिले  शिकवे

बने  रहेंगे 

तू रुकना मत ,

तुम्हारी भूमिका” पात्र “बनने की नही ,

‘प्रतीक ‘ बनने की है ।

जीवन है तो भटकाव के अवसर आएगे ,

कहीं  दोस्त और यार की  यारी होगी ,तो कही 

प्यार के मिठे बोल होगे ,

कही ं दुख और मोह के आँसू होगे ।

अक्सर शोहरत भी गले में हार डाल कर ,

उलछाने की कोशिश  करती है ।

पर तुम्हे अपने प्रति  निर्मम  बनना होगा ।

“सिप” में पल रहे “मोति ” के लिए

सिप को कठोर होना होता है ।

तू न कोई फरिश्ता है ,न ही तेरा

कोई यहाँ  “God Father” है ।

तू अपने पथ का अकेला राही है ।

तुझे खुद अपना “मशाल वाहक” Torch bearer” बनना होगा ।

तेरी जीवन यात्रा मुशकिल भरी होगी , पर

मंजिल तुझे मुस्कानो से भर देगी।

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