आज के इस “संसार” को
” बाजार ” ने
इस तरह नियोजित किया है ,
जिसमें इंसान का हर कदम
पैसो के लिए मुहताज़ रहे ।
यदि आपके पास पैसे नही है तो
आप पुरी तरह ” LOCK ” है ं ,
चाह कर भी आप कही “MOVE “
नही कर सकते ।
” अभाव ” पैरो ं में बेड़ियां डा़ल देता है ।
” आर्थिक सव्तंत्रता “
आज के दौर की सबसे बडी़ ख्वाइस है ,
रहना भी चाहिऐ ।
यदि आपके पास पैसा है ,तो आपके पास
” पारस पत्थर ” है ,
ये वो “आलादिन का चिराग ” है ,
जो सब कुछ ,
पल भर में , तुम्हारे हथेली पर हाजीर करने
की हैसियत रखता है ।
यह तुम्हारी “सामाजिक हैसियत “
बदल देता है ।
हर मंच, हर महफिल में
तुम्हारी उपस्थिति एक ” खबर ” है ।
” पैसा “भी अजीब पहेली है ,
“गरीबी ” हमारी हैसियत और औकात बता देती है ,
और बिना पैसों के व्यक्ति की हैसियत ,
रास्ते में पडे़ खाली केन की तरह होता है ,
जिसके किस्मत में ठोकरो के सिवा कुछ नहीं होता ।
” जिंदगी “
में पैसो ं की एहमियत है और रहेगी ।
” पैसा ” ही वह गारन्टी देता है कि
गभ॔ से कब्र तक
तुम्हारी यात्रा सुखद और सुरक्षित होगी ।