हमने वो सब कुछ किया ,
जिसकी तुम्हे उम्मीदे थी हमसे ,
सम्मान ,शोहरत , प्यार , पावर और प्रतिष्ठा ,सभी
कुछ समर्पित किया तुम्हारे कदमों में ।
बदले में वादो, नारो और जुमलो के सिवा
तुम हमे कुछ नही दे सके ।
तुम्हे जो करना था ,
वो तुमने किया ।
अब हम वो करने जा रहे हैं ,
जिसे देख , तुम अपने को सदमेे में पावोगे ।
तुम्हारी नियत , ईमान और सोच में क्या है ,
हम आज तक नही समझ पाए ?
न तुम हमे समझा सके ।
पर तुमने जो भी किया ,
तुम्हारा तरीका हमे
पसन्द नही आया ,तुम्हारे तरीके से “तानासाही” की बू आती है ।
तुम राजा नही ,
हमारा नुमाइदां हो ,
तुमने अपने को ” भगवान ” कैसे मान लिया ?
तुम हमेसा हमारी मांगो को, हमारे विरोध को
“देशद्रोह ” समझा ,
ये तुम्हारी नासमझी ,अदूरदर्शिता और कायरता थी ।
तुम छपने और छपवाने के लिए
इतना बेकरार क्यों रहते हो ?
सुन्दर दिखने और दिखाने के लिये तो
हमने भेजा नही था ,क्या PMO का काम
ब्यूटीपारलर का ही रह गया है ?
काँश , अपनी छबि मीडिया के बजाए
लोगों के दिल में बनाने की कोशिश की होती ,
तो बात आज बिगड़ी नही होती ।
इतना सुरक्षा कर्मी और सुरक्षा घेरा के बाद भी
तुम इतना ड़रे और सहमे क्यों हो ?
तुमने अच्छा किया या बुरा किया ,
ये इतिहास तय करेगा ,
पर तुम हमारे “अच्छे दिन” नही लौटा सके ।
अब प्रतीक्षा की धडी़ हुयी समाप्त ,
ये परीक्षा की धडी़ है ।
अब तुम्हे हमारे सवालो के जवाब और
इन 10 सालों का हिसाब देना होगा ।
हम इन दस सालों में केवल तुम्हारे ” मन की बात” सुनते रहे ,
अब तुम्हे हमारी बात सुननी होगी ।
“सिंहासन”
खाली करो हमारे ” पालनहार “
क्योंकि नया “जनादेश” तुम्हारे विरुद्ध आ रहा है ।
ये मेरे दिल की बात नही ,
ये जन जन की पुकार है ।
जीसे तुम न सुन सके ना ही समझ सके ।