16. नायक नही “खलनायक” है तू

हमने वो सब कुछ किया ,

जिसकी तुम्हे उम्मीदे थी हमसे ,

सम्मान ,शोहरत , प्यार , पावर और प्रतिष्ठा ,सभी

कुछ समर्पित किया तुम्हारे कदमों में  ।

बदले में वादो, नारो और  जुमलो के सिवा

तुम हमे कुछ नही दे सके ।

तुम्हे जो करना था ,

वो तुमने किया ।

अब हम वो करने जा रहे हैं ,

जिसे देख , तुम अपने को सदमेे में पावोगे ।

तुम्हारी नियत , ईमान और सोच में क्या है ,

हम आज तक नही समझ पाए ?

न तुम हमे  समझा सके ।

पर तुमने जो भी किया  ,

तुम्हारा तरीका हमे

पसन्द नही आया ,तुम्हारे तरीके से ‌ “तानासाही” की बू आती है ।

तुम राजा नही ,

हमारा नुमाइदां हो ,

तुमने अपने को ” भगवान ” कैसे मान लिया ?

तुम हमेसा हमारी मांगो को, हमारे विरोध को

“देशद्रोह ” समझा ,

ये तुम्हारी नासमझी ,अदूरदर्शिता  और  कायरता थी ।

तुम छपने और छपवाने  के लिए

इतना बेकरार क्यों रहते हो ?

सुन्दर दिखने और  दिखाने के लिये तो

हमने भेजा नही था ,क्या PMO  का काम

ब्यूटीपारलर  का ही रह गया है ?

काँश , अपनी छबि मीडिया के बजाए

लोगों के दिल में बनाने की कोशिश की होती ,

तो बात आज बिगड़ी  नही होती ।

इतना सुरक्षा कर्मी और सुरक्षा घेरा के बाद भी

तुम इतना ड़रे और सहमे क्यों  हो ?

तुमने अच्छा किया या बुरा किया ,

ये इतिहास तय करेगा ,

पर तुम हमारे  “अच्छे दिन” नही लौटा सके ।

अब प्रतीक्षा की धडी़ हुयी समाप्त ,

ये परीक्षा की धडी़ है ।

अब तुम्हे हमारे सवालो के  जवाब और

इन 10 सालों का हिसाब देना होगा ।

हम इन दस सालों में केवल तुम्हारे ” मन की बात” सुनते रहे ,

अब तुम्हे हमारी बात सुननी होगी ।

“सिंहासन”

खाली करो हमारे ” पालनहार “

क्योंकि नया  “जनादेश”  तुम्हारे विरुद्ध आ रहा है ।

ये मेरे दिल की बात नही ,

ये जन जन की पुकार है ।

जीसे तुम न सुन सके ना ही समझ सके ।

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