न नसीब में कुछ लिखा होता है ,
न तेरे लिए , तेरे करीब कोई होगा ।
तुझे ही बोना है और तुझे ही काटना है,
तुझे ही हॅसना और तुझे ही रोना है,
तू अपने संर्घष में अकेला है ।
यहाँ बे -सहारों का कोई सहारा नही होता ,
तुझे अपना सहारा खुद बनना होगा ।
यहाँ कोई तेरा मुखालिफ नहीं ,
पर तेरा प्रतिद्वदि जरुर हैं ।
पराजय में केवल आसूँ तेरे साथ होगे ,
परन्तु
जीत के जश्न में दुश्मन भी तेरे सफलता
के गीत गाएगें ।