एक नायक का अधिनायकवाद
जिन्होंने देश के लिये कुर्बानीयाँ दी ,जेल गये , लाठियां और गोलियां खायी ,सूली पर चढे़ । अपना तन मन धन सब कुछ न्यौछावर कर दिये । वे सब चुपचाप विदा हो गये । अब ये खादी के महंगे वस्त्र पहनकर देशवासियो ं से कर्ज वसूलने आ गये हैं । जिनकी आजादी की लडा़ई में कहीं … Read more